कोतमा/आमीन वारसी- बहोत पुरानी कहावत है कि सच्चे का बोल बाला झूठे का मुहँ काला सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं ऐसा हम नहीं बड़े बुजुर्ग कह गए है जो आज सच साबित होता जा रहा है बीते दिनों कोतमा वन परिक्षेत्र अंतर्गत माफियाओ द्वारा जंगल की भूमि से अवैध उत्खनन किया जा रहा था जिसे रंगे हाथ वन विभाग की टीम ने पकड़ा लेकिन चंद पैसे में कोतमा रेंजर त्रिपाठी ने अपना जमीर बेच दिया और पकड़े गए वाहन को छोड़ने का सौदा शुरू हुआ जो डेढ़ लाख पर आकर खत्म हुआ फिर खनिज माफिया से लेन देन किया जा रहा था जो कैमरे में कैद हो गया जिसे आप सभी लोगों ने देखा और सुना है नोट लेकर छोड़ने का वीडियो आडियो वायरल हुआ था साथ ही समाचार पत्रों में कोतमा वन परिक्षेत्र के रेंजर डिप्टी रेंजर चौकीदार की काली करतूतों को प्रमुखता से उठाया गया जिसे उच्च अधिकारियों ने संज्ञान में लेते हुए आडियो वीडियो में लेन देन करते हुए कैमरे में कैद प्रभारी रेंजर रवि शंकर त्रिपाठी को प्रभाव से हटा दिया गया है ऐसा डी एफ ओ अनूपपुर जीएस भार्गव ने बताया मगर यह कार्यवाही उचित नहीं है क्योकि अभी भी वीडियो आडियो कांड में फंसे कर्मचारियो को कार्यालय से नहीं हटाया गया सिर्फ दिखावे के लिए प्रभाव से मुक्त कर दिया गया जो कोतमा वन परिक्षेत्र कार्यालय के आस-पास रहकर जांच को निश्चित रूप से प्रभावित करेंगे आडियो वीडियो कांड में मौजूद सभी लोगों को जब तक कोतमा वन परिक्षेत्र से नहीं हटाया जाएगा तो निशपंक्ष जांच हो ही नही सकती कांड में लिप्त लोग जांच प्रभावित करने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपनाएंगे यह कार्यवाही बिल्कुल उचित नहीं है यह तो आरोपियों को बचाने की चाल है अगर वायरल आडियो वीडियो को ध्यान से सुना और देखा जाए तो उसमें उच्च अधिकारी सी सी एफ शहडोल डी एफ ओ अनूपपुर को भी रिश्वत की रकम का हिस्सा देना बताया जा रहा है अब सच क्या है यह तो रिश्वत लेने वाले ही बता सकते है।
इनका कहना-कोतमा वन परिक्षेत्र प्रभारी रेंजर रवि शंकर त्रिपाठी को रिश्वत लेने के आरोप में तत्काल प्रभार से हटा दिया गया है। उनकी जगह ए.क.े निगम को अतिरिक्त प्रभार दिया गया।
जी.एस. भार्गव
डी.एफ.ओ. अनूपपुर
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