कोतमा/आमीन वारसी- भालूमाडा थाना में पदस्थ एस आई शुक्ला धमका कर मांग रहा पैसा न देने पर झूठे मामलों में फँसाने की दे रहा धमकी। 8 जनवरी 2018 को जमुना कालरी निवासी पीडि़त व्यक्ति ने परेशान होकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में लिखित शिकायत कि थी कि मुझे भालूमाडा थाने में पदस्थ एस आई शुक्ला एवं दो अन्य लोगों के द्वारा मुझे अनावश्यक परेशान एवं झूठे मामलों में फँसाने की धमकी दी जा रही है मगर विभाग द्वारा पीडि़त की उक्त शिकायत पर कोई विचार नहीं किया गया और नतीजा यह निकला कि आखिर पीडि़त के खिलाफ भालूमाडा थाना में 13 जनवरी 2018 को धारा 384,387,386,354, के तहत फर्जी मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया महीनों जेल में रहने के बाद अभी हाल में ही उच्च न्यायालय से जमानत पर रिहा हो कर आया हूँ और फिर से मुझ पीडि़त को एस आई शुक्ला द्वारा पुनः 20 हजार रूपये की मांग की जा रही है पैसा न देने पर झूठे मामले में फँसाने की धमकी दी जा रही है। पुलिस अधीक्षक को पुनः पीडित द्वारा किए गए 8 जनवरी की शिकायत को गम्भीरता से लेकर जांच करानी चाहिए अगर पीडित के शिकायत उपरांत ही पूर्व में जांच हो गई होती तो शायद किसी बेकसूर के ऊपर फर्जी मुकदमा दर्ज नहीं होता। अभी भी उक्त धाराएं के तहत पीडित व्यक्ति के खिलाफ मामला न्यायालय में विचाराधीन है। आरोपी मुजरिम है या नहीं इसका फैसला अदालत करेगी। इस तरह झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर किसी भी पुलिस अधिकारी कर्मचारी को पैसे की मांग नहीं करनी चाहिए।
Wednesday, October 10, 2018
एस आई शुक्ला कर रहा पैसे की मांग
कोतमा/आमीन वारसी- भालूमाडा थाना में पदस्थ एस आई शुक्ला धमका कर मांग रहा पैसा न देने पर झूठे मामलों में फँसाने की दे रहा धमकी। 8 जनवरी 2018 को जमुना कालरी निवासी पीडि़त व्यक्ति ने परेशान होकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में लिखित शिकायत कि थी कि मुझे भालूमाडा थाने में पदस्थ एस आई शुक्ला एवं दो अन्य लोगों के द्वारा मुझे अनावश्यक परेशान एवं झूठे मामलों में फँसाने की धमकी दी जा रही है मगर विभाग द्वारा पीडि़त की उक्त शिकायत पर कोई विचार नहीं किया गया और नतीजा यह निकला कि आखिर पीडि़त के खिलाफ भालूमाडा थाना में 13 जनवरी 2018 को धारा 384,387,386,354, के तहत फर्जी मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया महीनों जेल में रहने के बाद अभी हाल में ही उच्च न्यायालय से जमानत पर रिहा हो कर आया हूँ और फिर से मुझ पीडि़त को एस आई शुक्ला द्वारा पुनः 20 हजार रूपये की मांग की जा रही है पैसा न देने पर झूठे मामले में फँसाने की धमकी दी जा रही है। पुलिस अधीक्षक को पुनः पीडित द्वारा किए गए 8 जनवरी की शिकायत को गम्भीरता से लेकर जांच करानी चाहिए अगर पीडित के शिकायत उपरांत ही पूर्व में जांच हो गई होती तो शायद किसी बेकसूर के ऊपर फर्जी मुकदमा दर्ज नहीं होता। अभी भी उक्त धाराएं के तहत पीडित व्यक्ति के खिलाफ मामला न्यायालय में विचाराधीन है। आरोपी मुजरिम है या नहीं इसका फैसला अदालत करेगी। इस तरह झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर किसी भी पुलिस अधिकारी कर्मचारी को पैसे की मांग नहीं करनी चाहिए।
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