अनूपपुर- एक ओर शासन प्रशासन जल सरंक्षण पानी बचाओ जैसे तरह तरह के अभियान चला रही है जिससे भविष्य में कभी भी किसी प्रकार से क्षेत्र में जल संकट की समस्या न हो लेकिन दूसरी ओर कोतमा विधानसभा क्षेत्र की जीवन दायिनी कहे जाने वाली केवई नदी का लाखों लीटर पानी ईटा का व्यापार करने वाले लोगों द्वारा खपत किया जा रहा जबकि इन दिनों नगर सहित पूरे कोतमा विधानसभा क्षेत्र में पानी की किल्लत है शासन प्रशासन द्वारा यह प्रयास किया जा रहा कि लोगों को पीने के पानी की समस्या न हो सकें।मगर इस भीषण गर्मी के मौसम और गंभीर पानी की समस्या को अनदेखा कर ईटा व्यापारी अपना व्यापार करने में लगें हुए है जिस ओर शासन प्रशासन का ध्यान नही जा रहा है।
कहा से आ रहा ईटा बनाने का पानी-कोतमा केवई नदी के तट पर धधक रहें सैकड़ों ईट भट्टे में उपयोग होने वाला पानी आखिर कहा से आता है इसकी जानकारी नगर पालिका सहित एस डी एम एवं तहसीलदार द्वारा कभी नही ली जाती जिससे दिन प्रति दिन ईटा व्यापारी के हौसले और भी बुलंद होते जा रहे है इन्हे शासन प्रशासन का बिल्कुल भी भय नही है खुलेआम केवई नदी में बड़े बड़े पम्प लगाकर नदी के पानी से ईटा बना रहे है ऐसा नही है संबंधित विभाग को केवई नदी के तट पर फलफूल रहें दर्जनो ईट भट्टे की जानकारी नही है सब कुछ जानकर भी अंजान बनें रहते है।
यह है अधिनियम- अवैध ईट भट्टे पर कार्यवाही करने से राजस्व विभाग हमेशा बचता नजर आता है जबकि कोतमा क्षेत्र मे सैकड़ों ईट भट्टे अवैध है सिर्फ कुम्हार को ही यह अधिकार है कि वह ईटा बनाकर बेच सकता है जिसका लाइसेंस राजस्व विभाग द्वारा दिया जाता है कुम्हार को रायल्टी की छूट मिलती है और किसी अन्य ईटा व्यापारी को नही मिलती लाइसेंस धारी को खनिज अधिनियम का पूर्ण रूप से पालन करना होता है जैसे ईटा बनाने वाला कुम्हार प्रति वर्ष 10 लाख ईटा ही बना सकता है इससे जादा नही लेकिन कोई भी कुम्हार 10 लाख ईटा नही बना पाता एवं किसी भी सार्वजनिक नदी तालाब कुआ में पम्प लगाकर उसका पानी ईटा बनाने में उपयोग नही कर सकता साथ ही 3 फिट से जादा गहरा गड्ढा खोद कर मट्टी नही निकाल सकता इन मापदंडों का पालन करना होता है अन्यथा लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है मगर कोतमा क्षेत्र के अवैध ईटा व्यापारी सारे नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए ईटा का व्यापार कर रहे हैं और संबंधित विभाग मौन है।
इनका कहना-
मै आज ही जाकर देखता हूँ कितने लोगों के द्वारा ईटा बनाया जा रहा और पानी कहा से उपयोग कर रहे हैं।
टी आर नाग
तहसीलदार कोतमा
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